Friday, December 14, 2012

निम्न प्रश्नों पर विचार


मित्रों

आज मै अपने पेज का औपचारिक प्रारम्भ कर रहा हू.

मै अपने उद्देश्य को पुनः स्पष्ट कर रहा हू - "मेरा उद्देश्य
१. विभिन्न विधर्मि  मतों व पंथो द्वारा दुष्प्रचार कर सनातन हिंदू धर्मं का नुक्सान रोकना है.
२. धर्मं के सही अर्थ को समझ कर हिन्दूओ को जाग्रत करना है.
३. हिन्दुओ का एकीकरण करना है.
४. प्रत्येक हिंदू को धर्मं के ऐसे तर्क देना है जिससे वे सनातन धर्मं के शत्रुओं को ना केवल सही उत्तर दे पाए बल्कि अपनी बात सिद्ध कर अपने धर्मं कि स्थापन कर सके."
५. कुल मिलाकर उँगलियों को 'मुट्ठी' बनने का उद्देश्य है .

मै निम्न प्रश्नों पर विचार करूँगा  -

++++++++++++++ प्रथम चरण में +++++++++++++++++++

१. धर्मं क्या है? धार्मिक होना क्या है? धार्मिक होने से हिन्दुओ कि एकता का क्या सम्बन्ध है?

२. धार्मिक होने के क्या लाभ है?

३. धार्मिक होने के क्या लक्षण है?

४. क्या धार्मिक होने का अर्थ ज्यादा पूजा-पाठ करना है?

५. क्या धार्मिक होने का मतलब ज्यादा हिंसक होना है?

+++++++++++++++++ दूसरे चरण में +++++++++++++++++

६. हमारे सनातन हिंदू धर्मं के विभिन्न धर्मग्रंथों का विकास क्रम?

७. हमारे सनातन हिंदू धर्मं के पतन के प्रमुख कारण?

८. हमारे सनातन हिंदू धर्मं के प्रमुख शत्रु?

९. हमारे सनातन हिंदू धर्मं में "भगवान के अवतार" लेने का क्या मतलब है?

१०. हमारी संस्कृति "यज्ञ  प्रधान " क्यों है? क्या ये वैज्ञानिक है?

+++++++++++++++++ तीसरे चरण में +++++++++++++++++++

११. क्या हमारे धर्मं में भी मुसलमानों व अंग्रजो कि तरह एक देव-इश्वर , एक धर्मग्रंथ  होता तो ज्यादा ठीक होता?

१२. हमारी संस्कृति में जो विभिन्न बहु देव-देवी उपासना पद्धतियाँ है वे वरदान है या शाप?

१३. परमात्मा के साकार और निराकार होना क्या है. दोनों में क्या भेद है?

१४. परमात्मा के सगुण और निर्गुण होना क्या है. दोनों में क्या भेद है?

++++++++++++++++++ चौथा चरण +++++++++++++++++++++++

१५. हिंदू धर्मं में हिंसा ?

१६. भगवान श्री कृष्ण के १६१०८ विवाह के रहस्य ?

१७. भगवान श्री कृष्ण द्वारा गोपियों के वस्त्र चुराना क्या काम वासना था?

१८. वास्तविक गुरु कौन ?


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जय हिंद . जय राष्ट्र . जय श्री राम.

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