Friday, January 4, 2013

हमारे धर्मं कि वैश्विक पहचान


सब लोग अपना काम सिर्फ 10-15 मिनट के लिये छोड़कर ये पढ़ेँ,,

ये पोस्ट लोगोँ को जगाने के लिये की गई है कि कैसे जब तक बाहर के लोग हिन्दू धर्म और सनातन संस्कृति को महान और सर्वोपरि नही बता देते तुम लोग सेकुलरोँ की भाषा बोलने लगते हो सेकुलर सुअरोँ और विधर्मियोँ को मिर्ची लगे तो यहाँ आकर अपना पिछवाड़ा दिखाने की जरूरत नहीँ है वरना उनकी सेहत के लिये ठीक नहीँ होगा...
नीचे दिये गये तथ्य पूर्णत: सत्य एवं तथ्य परक हैँ जिस सेकुलर सुअर को मिर्ची लगे वो इंटरनेट पर सर्च कर सकता है तथ्य थोड़े बिषय से अलग और छोटे-छोटे क्रमवार है पाठक अपने विवेक से उन्हेँ स्वयं व्यव्स्थित करके पढ़ेँ व विचार करेँ...

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प्रख्यात साहित्यकार टी. एस. इलियट को वेस्टलैँड कविता पर नोबल पुरस्कार मिला था जानते हैँ उस कविता कि अंतिम पंक्ति क्या थी? उस कविता की अंतिम लाइन मेँ वृहदकारण्य उपनिषद के दो श्लोक थे और बाद मेँ लिखा था "ॐशांति शांति शांति"
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अमेरिका के प्रथम परमाणु परीक्षण के जनक, पत्रकारोँ के चर्चा मेँ परीक्षण के उस दृश्य को एक वाक्य मेँ कहकर बताते हैँ-"सूर्य कोटि: समप्रभः" 16 जुलाई,1945 को हुये इसी परीक्षण के बाद डॉ. जूलियस रॉबर्ट ओपेनहीमर यू.एस.ए. के अलमोगार्डो मेँ पत्रकारोँ से यह कहते हैँ कि-"आश्चर्य है भगवद्गीता मेँ उल्लेख है" - दिवि सूर्यसहस्त्रस्य भवेद् युगपदुत्थिता। यदि भाः सादृशी सा स्याभ्दासस्तस्य महात्मनः मतलब "इफ द लाइफ ऑफ अ थाऊसेँड्स समंस वेअर टू ब्लेज फोर्थ ऑल एट वंस इन द स्कॉय देट माइट रिसंबल द स्प्लेँडर ऑफ देट एक्सलटेड बिइंग"(श्रीमद्भगवद्गीता 11-12)
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अल्बर्ट आइंस्टीन कहते हैँ-"मैँने गीता को अपनी प्रेरणा का मुख्य स्त्रोत बनाया है यही मुझे शोधोँ के लिये मार्गदर्शन देती है। यही मेरी थ्योरियोँ की जनक है।"
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भौतिकी के नोबेल पुरस्कार विजेता एवं वेव मेकेनिक्स के खोजकर्ता एरविन श्रोये डिंगर अपनी प्रख्यात पुस्तक इन द एन्टायर वर्ल्ड के चौथे चेप्टर मेँ कहते हैँ-"अगर मेरे पास गीता और उपनिषद् नहीँ होते तो मैँ कुछ नहीँ कर पाता"
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जर्मन भौतिकी नोबेल विजेता डब्ल्यू, हाइजनबर्ग जिन्होँनेँ सब एटॉमिक पार्टिकल्स पर कार्य किया वे कहते थे-"हिन्दू दर्शन मेँ सारी बाँते आश्चर्यजनक रूप से क्वांटम फिजिक्स के सिद्धांतोँ को सिद्ध करती हैँ ये पूर्णतः वैज्ञानिक धर्म है"
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विश्व प्रसिद्ध उद्योगपति एलेन फोर्ड जिनकी मोटरकार कंपनी फोर्ड है वो काफी पहले हिन्दू धर्म अपना चुके हैँ उन्होँने कहा था-"सुखी और प्रसन्न जीवन जीना है तो वैदिक परम्पराओँ को मानेँ"
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अमेरिका के सभी मैनेजमैँट यूनिवर्सिटीज़ मे गीता अनिवार्य रूप से कोर्स मेँ शामिल है...
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महाभारत का चीनी भाषा अनुवाद चीन मेँ बिक्री का रिकार्ड बना चुका है और उसका दूसरा संस्करण शीघ्र प्रकाशित हो रहा है
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अमेरिकी शिक्षा विभाग ने आयुर्वेद और हिन्दू दर्शन मेँ मास्टर और पी.एच.डी. की व्यवस्था कर रखी है
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ब्रिटेन के हैरो मेँ वहाँ की सरकार ने 100 मिलियन पाउंड से कृष्णा अवंति स्कूल खोला है जिसमेँ भारतीय सोलह संस्कारोँ की शिक्षा दी जाती है
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प्रख्यात विधिवेत्ता सर विलियम जोन्स कहते है-"संस्कृत भाषा सभी भाषाओँ की जननी है यह सभी भाषाओँ की तुलना मेँ अधिक परिपूर्ण, अधिक समृद्ध तथा अधिक परिष्कृत है महान है वह हिन्दू धर्म जिसने इस भाषा को जन्म दिया"
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विक्टर कजिन(1792-1867) जो महान फ्रांसीसी दार्शनिक थे उनका कथन ये है-"हम भारतीय मूल सनातन धर्म के समक्ष नतमस्तक हैँ। मानव जाति का जन्म कोई और माने या ना माने मैँ सनातन संस्कृति से मानता हूँ"
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संयुक्त राष्ट्र संघ ने आधिकारिक रूप से ये घोषणा की है कि विश्व की सबसे पुरानी और पहली पुस्तक,ग्रंथ और महाकाव्य ऋग्वेद है...
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मार्क ट्वेन अमेरिकी लेखक (1835-1910) कहते हैँ विश्व के इतिहास का जनक , परम्पराओँ का स्त्रोत हिन्दू वैदिक धर्म है
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मैक्स मूलर(जर्मन भारतविद्) कहते थे-"सबसे पुरानी शिक्षा पद्धति संस्कृति व मानव विकास भारतीय सनातन धर्म की देन है"
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हूशी जो चीन के यू.एस.ए. मे राजदूत थे वो कहते हैँ-"मैँ महाभारत पढ़के सैन्य शक्ति और आत्मबल की शिक्षा लेता हूँ"
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प्रसिद्ध अमेरिकी डॉक्टर,शिक्षक,व इतिहासकार डॉ. डेविड फ्रॉले कहते हैँ कि -"गाँवो के लेकर शहरोँ तक के विकास तथा सभ्यताओँ के विकास की कहानी हिन्दू सनातन धर्म के आसपास घूमती है"
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जॉर्ज बर्नार्ड शॉ जो महान नाटककार, आलोचक, व समाजशास्त्री थे उनका कहना है-"हिन्दू धर्म ने हमेँ प्राकृतिक और परिष्कृत दृष्टि दी है जो समझने वालोँ को नई ऊँचाईयोँ तक ले जा सकती है"
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जे. राबर्ट - ओपेनहीमर न्यूक्लियर विज्ञानी कहते हैँ -"वेदोँ, पुराणोँ और उपनिषदोँ तक पहुँच पाना इस शताब्दी का सबसे महान सौभाग्य है"
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जीन सिल्वेन बेली फ्रांसीसी ज्योतिषविद् का कथन है -"हिन्दू जीवन पद्धति मेँ विज्ञान का ज्ञान प्राचीनतम रहा है कोई भी इस बात को किसी भी रूप मेँ नकार नहीँ सका है"
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प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक, इतिहासकार व लेखक एवं टाइम मशीन के विचार-कर्ता एच. जी. वेल्स कहते हैँ कि-"भारतीय सनातन धर्म के दार्शनिक उच्च कोटि के हैँ इन्होँने हमेँ शांति और एकाग्रता बनाये रखने कि ताकत दी है"
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यूनान के राजा पॉल की पत्नी जो एडवांस्ड भौतिकी की शोधार्थी भी थी महारानी फ्रेडरिका (1931-1981) कांची कामकोटी केन्द्र के केलिफोर्निया के समाचार पत्र - द न्यू फिज़िक्स टू हिन्दुईज़्म मेँ अपने उद्गार बताती हैँ-"ऐसे ज्ञान की धरोहर प्राप्त करने वाले आप वैदिक सनातन भारतीय सौभाग्यशाली हैँ मुझे आपसे ईर्ष्या है, यद्यपि यूनान मेरी जन्मभूमि और मातृभूमि है तथापि भारत मेँ मेरी आत्मा बसती है ,इसकी परिणिति मेरे द्वारा शंकराचार्य के अद्वैतवाद को पूर्णत: स्वीकार करने के रूप मेँ होती है।

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