Saturday, December 29, 2012


गीता में प्रभु अर्जुन से कहते हैं कि धर्म का आचरण उन्हीं लोगों के साथ किया जाता है जो धर्म का पालन करे , उसके साथ नहीं जो धर्म को मानता ही नहीं है ,ऐसी ही गलती बहुत सालों से हिंदुओं ने की जिसके कारण उनका लगभग सब कुछ चला गया क्यूंकी उनके शत्रु ऐसे थे जो उनके धर्म और उसके नियम को मानते ही नहीं थे , ऐसे में उन अधर्मियों के साथ धर्म का पालन करना मूर्खता ही है !

अगर हिन्दू ही अपने धर्म ग्रन्थों में काही गई बात को नहीं समझेंगे तो कौन उन्हें बचा सकता है !
गीता में प्रभु अर्जुन से कहते हैं कि धर्म का आचरण उन्हीं लोगों के साथ किया जाता है जो धर्म का पालन करे , उसके साथ नहीं जो धर्म को मानता ही नहीं है ,ऐसी ही गलती बहुत सालों से हिंदुओं ने की जिसके कारण उनका लगभग सब कुछ चला गया क्यूंकी उनके शत्रु ऐसे थे जो उनके धर्म और उसके नियम को मानते ही नहीं थे , ऐसे में उन अधर्मियों के साथ धर्म का पालन करना मूर्खता ही है !
अगर हिन्दू ही अपने धर्म ग्रन्थों में काही गई बात को नहीं समझेंगे तो कौन उन्हें बचा सकता है !

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