Monday, February 25, 2013

रामायण की किन चौपाइयों से दूर होती हैं घर या काम की कौन सी परेशानियां?


रामायण की किन चौपाइयों से दूर होती हैं घर या काम की कौन सी परेशानियां?

1. सिरदर्द या दिमाग की कोई भी परेशानी दूर करने के लिए-

हनुमान अंगद रन गाजे। हाँक सुनत रजनीचर भाजे।।

2. नौकरी पाने के लिए -

बिस्व भरण पोषन कर जोई। ताकर नाम भरत जस होई।।

धन-दौलत, सम्पत्ति पाने के लिए -

जे सकाम नर सुनहि जे गावहि।सुख संपत्ति नाना विधि पावहि।।

3. पुत्र पाने के लिए -

प्रेम मगन कौसल्या निसिदिन जात न जान।

सुत सनेह बस माता बालचरित कर गान।।

4. शादी के लिए -

तब जनक पाइ वशिष्ठ आयसु ब्याह साजि संवारि कै।

मांडवी श्रुतकीरति उर्मिला, कुँअरि लई हँकारि कै॥

5. खोई वस्तु या व्यक्ति पाने के लिए -

गई बहोर गरीब नेवाजू। सरल सबल साहिब रघुराजू।।

6. पढ़ाई या परीक्षा में कामयाबी के लिए-

जेहि पर कृपा करहिं जनु जानी। कबि उर अजिर नचावहिं बानी॥

मोरि सुधारिहि सो सब भाँती। जासु कृपा नहिं कृपाँ अघाती॥

7. जहर उतारने के लिए -

नाम प्रभाउ जान सिव नीको। कालकूट फलु दीन्ह अमी को।।

8. नजर उतारने के लिए -

स्याम गौर सुंदर दोउ जोरी। निरखहिं छबि जननीं तृन तोरी।।

9. हनुमानजी की कृपा के लिए -

सुमिरि पवनसुत पावन नामू। अपनें बस करि राखे रामू।।

10. यज्ञोपवीत पहनने व उसकी पवित्रता के लिए -

जुगुति बेधि पुनि पोहिअहिं रामचरित बर ताग।

पहिरहिं सज्जन बिमल उर सोभा अति अनुराग।।

11. सफल व कुशल यात्रा के लिए -

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा। ह्रदयँ राखि कोसलपुर राजा॥

12. शत्रुता मिटाने के लिए -

बयरु न कर काहू सन कोई। राम प्रताप विषमता खोई॥

13. सभी तरह के संकटनाश या भूत बाधा दूर करने के लिए -

प्रनवउँ पवन कुमार,खल बन पावक ग्यान घन।

जासु ह्रदयँ आगार, बसहिं राम सर चाप धर॥

14. बीमारियां व अशान्ति दूर करने के लिए -

दैहिक दैविक भौतिक तापा। राम राज काहूहिं नहि ब्यापा॥

15. अकाल मृत्यु भय व संकट दूर करने के लिए -

नाम पाहरु दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपाट।

लोचन निज पद जंत्रित जाहिं प्रान केहि बाट।।
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रामायण की किन चौपाइयों से दूर होती हैं घर या काम की कौन सी परेशानियां?

1. सिरदर्द या दिमाग की कोई भी परेशानी दूर करने के लिए-

हनुमान अंगद रन गाजे। हाँक सुनत रजनीचर भाजे।।

2. नौकरी पाने के लिए -

बिस्व भरण पोषन कर जोई। ताकर नाम भरत जस होई।।

धन-दौलत, सम्पत्ति पाने के लिए -

जे सकाम नर सुनहि जे गावहि।सुख संपत्ति नाना विधि पावहि।।

3. पुत्र पाने के लिए -

प्रेम मगन कौसल्या निसिदिन जात न जान।

सुत सनेह बस माता बालचरित कर गान।।

4. शादी के लिए -

तब जनक पाइ वशिष्ठ आयसु ब्याह साजि संवारि कै।

मांडवी श्रुतकीरति उर्मिला, कुँअरि लई हँकारि कै॥

5. खोई वस्तु या व्यक्ति पाने के लिए -

गई बहोर गरीब नेवाजू। सरल सबल साहिब रघुराजू।।

6. पढ़ाई या परीक्षा में कामयाबी के लिए-

जेहि पर कृपा करहिं जनु जानी। कबि उर अजिर नचावहिं बानी॥

मोरि सुधारिहि सो सब भाँती। जासु कृपा नहिं कृपाँ अघाती॥

7. जहर उतारने के लिए -

नाम प्रभाउ जान सिव नीको। कालकूट फलु दीन्ह अमी को।।

8. नजर उतारने के लिए -

स्याम गौर सुंदर दोउ जोरी। निरखहिं छबि जननीं तृन तोरी।।

9. हनुमानजी की कृपा के लिए -

सुमिरि पवनसुत पावन नामू। अपनें बस करि राखे रामू।।

10. यज्ञोपवीत पहनने व उसकी पवित्रता के लिए -

जुगुति बेधि पुनि पोहिअहिं रामचरित बर ताग।

पहिरहिं सज्जन बिमल उर सोभा अति अनुराग।।

11. सफल व कुशल यात्रा के लिए -

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा। ह्रदयँ राखि कोसलपुर राजा॥

12. शत्रुता मिटाने के लिए -

बयरु न कर काहू सन कोई। राम प्रताप विषमता खोई॥

13. सभी तरह के संकटनाश या भूत बाधा दूर करने के लिए -

प्रनवउँ पवन कुमार,खल बन पावक ग्यान घन।

जासु ह्रदयँ आगार, बसहिं राम सर चाप धर॥

14. बीमारियां व अशान्ति दूर करने के लिए -

दैहिक दैविक भौतिक तापा। राम राज काहूहिं नहि ब्यापा॥

15. अकाल मृत्यु भय व संकट दूर करने के लिए -

नाम पाहरु दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपाट।

लोचन निज पद जंत्रित जाहिं प्रान केहि बाट।।

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