इसलिए खराब नहीं होता गंगाजल
गंगा जल आखिर खराब क्यों नहीं होता ? पतित पावनी गंगा नदी का नाम आते ही ये सवाल अक्सर दिमाग को खटखटा देता है। लेकिन इसका भी... जवाब मिल गया है।
दरअसल, हिमालय की कोख गंगोत्री से निकली गंगा का जल इसलिए कभी खराब नहीं होता, क्योंकि इसमें गंधक, सल्फर, खनिज की सर्वाधिक मात्रा पाई जाती है। राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान रूड़की के निदेशक डाॅ. आरडी सिंह ने बताया कि हरिद्वार में गोमुख गंगोत्री से आ रही गंगा के जल की गुणवत्ता पर इसलिए कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता, क्योंकि यह हिमालय पर्वत पर उगी हुई अनेकों जीवन दायनि उपयोगी जड़ी बुटियों के ऊपर से स्पर्श करता हुआ आता है।
अन्य कारण भी
वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. मुकेश कुमार शर्मा ने बताया कि गंगा जल खराब नहीं होने के कई वैज्ञानिक कारण भी हैं। एक यह कि गंगा जल में बैट्रिया फोस नामक एक बैक्टीरिया पाया गया है, जो पानी के अंदर रासायनिक क्रियाओं से उत्पन्न होने वाले अवांछनीय पदार्थों को खाता रहता है। इससे जल की शुद्धता बनी रहती है। दूसरा गंगा के पानी में गंधक की प्रचुर मात्रा मौजूद रहती है, इसलिए भी यह खराब नहीं होता।
गंगा को मैला हमने बनाया
डाॅ. सिंह ने बताया कि गंगा हरिद्वार से आगे अन्य शहरों की ओर बढ़ती जाती है वैसे ही शहरों, नगर निगमों और खेतीबाड़ी का कूड़ा करकट तथा औद्योगिक रसायनों का मिश्रण गंगा में डाल दिया जाता है। यही वजह है कि कानपुर, वाराणसी और इलाहाबाद का गंगा जल आज पीने योग्य नहीं रह गया है।
गंगा जल आखिर खराब क्यों नहीं होता ? पतित पावनी गंगा नदी का नाम आते ही ये सवाल अक्सर दिमाग को खटखटा देता है। लेकिन इसका भी... जवाब मिल गया है।
दरअसल, हिमालय की कोख गंगोत्री से निकली गंगा का जल इसलिए कभी खराब नहीं होता, क्योंकि इसमें गंधक, सल्फर, खनिज की सर्वाधिक मात्रा पाई जाती है। राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान रूड़की के निदेशक डाॅ. आरडी सिंह ने बताया कि हरिद्वार में गोमुख गंगोत्री से आ रही गंगा के जल की गुणवत्ता पर इसलिए कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता, क्योंकि यह हिमालय पर्वत पर उगी हुई अनेकों जीवन दायनि उपयोगी जड़ी बुटियों के ऊपर से स्पर्श करता हुआ आता है।
अन्य कारण भी
वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. मुकेश कुमार शर्मा ने बताया कि गंगा जल खराब नहीं होने के कई वैज्ञानिक कारण भी हैं। एक यह कि गंगा जल में बैट्रिया फोस नामक एक बैक्टीरिया पाया गया है, जो पानी के अंदर रासायनिक क्रियाओं से उत्पन्न होने वाले अवांछनीय पदार्थों को खाता रहता है। इससे जल की शुद्धता बनी रहती है। दूसरा गंगा के पानी में गंधक की प्रचुर मात्रा मौजूद रहती है, इसलिए भी यह खराब नहीं होता।
गंगा को मैला हमने बनाया
डाॅ. सिंह ने बताया कि गंगा हरिद्वार से आगे अन्य शहरों की ओर बढ़ती जाती है वैसे ही शहरों, नगर निगमों और खेतीबाड़ी का कूड़ा करकट तथा औद्योगिक रसायनों का मिश्रण गंगा में डाल दिया जाता है। यही वजह है कि कानपुर, वाराणसी और इलाहाबाद का गंगा जल आज पीने योग्य नहीं रह गया है।
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