जहां भगवान शिव ने दिया भष्मासुर को वरदान
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू क्षेत्र में समुद्रतल से करीब 18,000 फुट की ऊंचाई पर एक एक शिवलिंग स्थित है। इस शिवलिंग को श्रीखंड महादेव के नाम से जाना जाता है। श्रीखंड महादेव की यात्रा इतनी कठिन है कि शारीरिक तौर पर पूरी तरह स्वस्थ व्यक्ति ही बड़ी मुश्किल से यहां तक पहुंच सकता है।
श्रीखंड महादेव के रास्ते में 32 किलोमीटर का सफर इतना कठिन है कि घोड़ा और खच्चर भी नहीं चल सकता। यहां श्रद्घालुओं को अपने हौसलों और भगवान शिव के नाम के सहारे ही सफर तय करना होता है। फिर भी हजारों की संख्या में श्रद्घालु जान जोखिम में डालकर श्रीखंड महादेव के 72 फीट ऊंचे शिवलिंग के दर्शन करने आते हैं।
श्रीखंड महादेव के प्रति इस श्रद्घा का कारण उस कथा से जुड़ा हुआ है जिसमें भगवान शिव के प्राण भगवान विष्णु के मोहिनी रूप ने बचाया था। यहीं भगवान शिव ने भष्मासुर को यह वरदान दिया था कि जिसके सिर पर हाथ रखोगे वह भष्म हो जाएगा। भष्मासुर का अंत होने के बाद यहां श्रीखंड महादेव का वर्तमान शिवलिंग प्रकट हुआ था।
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